कृषि अभियांत्रिकी विभाग
1952 में कुछ इंजीनियरों और तकनीशियनों को मिलाकर कृषि अभियंत्रिकी विभाग का गठन किया गया। संस्थान में मशीन से संबंधी कार्य हेतु एक कारख़ाना भी स्थापित किया गया। इस विभाग का मुख्य कार्य कृषि से संबंधी मशीनों को विकसित करना जिससे कृषि में लगाने वाले मजदूर/श्रम को कम किया जा सके।
विजन
एक कुशल, विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी और जीवंत गन्ना कृषि।
लक्ष्य (मिशन)
कृषि अभियंत्रिकी के माध्यम से गन्ने और चीनी फसलों के उत्पादन, उत्पादकता, निरंतरता में वृद्धि ।
मैनडेट
- गन्ना और शर्करा फसलों के मशीनीकरण, जल प्रबंधन और कटाई के बाद की तकनीक पर मूलभूत और व्यवहारिक अनुसंधान करना।
- राज्य कृषि विश्वविद्यालयों; अनुसंधान केंद्रों और अन्य संगठनों के साथ अनुसंधान, सूचना के आदान-प्रदान और सामग्री हेतु संबंध स्थापित संबंध विकसित करना।
- क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किसानों, उद्योगों और अन्य उपयोगकर्ताओं को प्रशिक्षण, परामर्श और सलाहकार सेवाएं प्रदान करना।
अनुसंधान हेतु नवीन क्षेत्र
- गन्ना और शर्करा फसलों में उभरती कृषि तकनीकों के लिए मशीनों का परिकलन (डिजाइन) और विकास करना।
- गन्ना और शर्करा फसलों में उभरती कृषि तकनीकों के लिए मौजूदा मशीनरी के परिकलन (डिजाइन) का शोधन का विकास करना।
- गन्ने की खेती में कठिन श्रम की कमी के लिए छोटे हाथ के औजारों / उपकरणों का श्रम क्षमता संबंधी मूल्यांकन करना।
- पानी का उपयोग दक्षता बढ़ाना।
सीमांत क्षेत्र हेतु प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित करना
- आईटीआई अपरेंटिस प्रशिक्षण।
- गन्ने और गन्ना मशीनरी का संचालन, मरम्मत और रखरखाव।
- गन्ना और चुकंदर उत्पादन हेतु मशीनरी तकनीक विकसित करना।
- कृषि इंजीनियरिंग के यूजी और पीजी छात्रों के लिए ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण करना।
- गन्ने में जल प्रबंधन।
सम्पर्क |
डॉ ए.के. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष ईमेल: akhilesh.singh2@icar.gov.in, मो: 9415780095 |