अनुसंधान समन्वय एवं प्रबंधन इकाई
भाकृअनुप- भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ की स्थापना "भविष्य के चीनी और ऊर्जा आवश्यकता को पूरा करने के लिए" गन्ना उत्पादन, उत्पादकता, लाभकारी और स्थिरता बढ़ाने के मिशन "एक कुशल, विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी और गन्ना कृषि" के उद्देश्य के साथ बुनियादी, रणनीतिक और एपडीव अनुसंधान के साथ ही साथ गन्ने में सुरक्षा एवं गन्ने में प्रजनन; उन्नत किस्मों और प्रौद्योगिकी को विकसित करने के लिए राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर व्यावहारिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी फैलाव एवं निगरानी क्षमता पर कार्य कर रहा है। संस्थान देश के उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों के लिए गन्ने में उत्पादन के साथ ही साथ गन्ने में सुरक्षा एवं गन्ने में प्रजनन और अनुसंधान के बुनियादी, रणनीतिक के उन्नत किस्मों और प्रौद्योगिकी को विकसित करने के लिए राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर व्यावसायिक अनुसंधान और प्रद्योगिकियों का फैलाव एवं क्षमता पर कार्य कर रहा है। वर्तमान में, संस्थान भारत में गन्ना कृषि के उत्थान की दिशा में जिसमें गुणवत्ता, उत्पादकता, प्रबंधन और विभिन्न नीतिगत मुद्दों के साथ पाँच पूर्ण विभाग (फसल सुधार, फसल उत्पादन, फसल सुरक्षा, पादप कार्यिकी एवं जैव रसायन विभाग, कृषि अभियंत्रण) और कुछ अनुभाग (पी एम ई सेल, ए के एम यू, प्रसार एवं प्रशिक्षण, पुस्तकालय एवं प्रक्षेत्र प्रबंधन) के साथ कार्य कर रहा है। संस्थान में एआईसीआरपी (गन्ना) और दो कृषि विज्ञान केंद्रों (लखनऊ और लखीमपुर खीरी) में गन्ना के समन्वय हेतु किसानों के लिए प्रौद्योगिकियों के प्रसार का कार्य कर रहा है। संस्थान का एक क्षेत्रीय केंद्र मोतीपुर (बिहार) में जो गन्ने में ब्रीडर सीड प्रोडक्शन; रेड रॉट और वाटरलॉग सहीसुण के लिए गन्ने के जर्मप्लाज्म की जांच (स्क्रीनिंग) करता है। इसके अतिरिक्त, संस्थान में जैव-नियंत्रण पर एक डिवीजनल केंद्र, प्रवरनगर (महाराष्ट्र) में एक शुगरबीट ब्रीडिंग आउटपोस्ट मुक्तेश्वर (उत्तराखंड) में है।
संस्थान के विभिन्न विभागों / अनुभाग के साथ विभिन्न गतिविधियों के समन्वय के लिए एक अनुभाग की आवश्यकता महसूस की गई। इसके लिए, वैज्ञानिक और तकनीकी कर्मियों के साथ एक तकनीकी सेल बनाया गया था। यह इकाई अनुसंधान परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी करता है, अनुसंधान परियोजनाओं से संबंधी दस्तावेज़ एवं फाइल रखती है, और समय-समय पर परिषद को प्रस्तुत करने के लिए प्रतिवेदन (रिपोर्ट) तैयार करता है। यह गन्ना और चीनी की उत्पादकता में सुधार से संबंधित परामर्श और सलाहकार मामलों में मदद करता है। यह इकाई संस्थान की अनुसंधान उपलब्धियों को भी संकलित करता है और अन्य संस्थानों से प्राप्त गन्ने के अनुसंधान पर विभिन्न प्रश्नों का जवाब देता है। इसे वार्षिक रिपोर्ट, आईआईएसआर न्यूज़लेटर, तकनीकी बुलेटिन और ब्रोशर तैयार करने और छापने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। समय के साथ, तकनीकी सेल का नामकरण बदल कर अनुसंधान, समन्वय और प्रबंधन इकाई के साथ कर दिया गया था। भाकृअनुप के आदेश सं. 30(8)/2010/पीएमई सेल/एनएआईपी/ ओ एंड एम दिनांक दिसंबर, 27,2011 के अनुसार, पीएमई (प्राथमिकता निगरानी और मूल्यांकन) कर दिया गया था। पीएमई अनुभाग संस्थान के अनुसंधान और अन्य गतिविधियों को परिषद, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के प्रसार में एक महत्वपूर्ण श्रृंखला के रूप में काम करता है। पीएमई सेल के माध्यम से संस्थान अपने आंतरिक और बाह्य गतिविधियों के समन्वय को दर्शाता है।
सम्पर्क |
डॉ संगीता श्रीवास्तव, प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रभारी ईमेल: sangeeta.srivastava@icar.gov.in, मो: 9415001735 |