गुड़ इकाई
अखिल भारतीय समन्वित परियोजना के प्रसंस्करण, हैंडलिंग और भंडारण के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा 08 दिसंबर, 1988 को सातवी पंचवर्षीय योजना के दौरान मंजूरी दी गई थी। इसका उद्देश्य बेहतर और मानकीकृत प्रक्रियाओं, उपकरणों और प्रबंधन प्रौद्योगिकी के विकास के माध्यम से गुड़ और खंडसारी की उत्पादकता, गुणवत्ता और भंडारण क्षमता में सुधार करना है। इस संस्थान में समन्वय संस्थान स्थित था। बाद में एआईसीआरपी (गुड़ और खांडसारी) को एआईसीआरपी (पीएचटी) के साथ मिला दिया गया, जिसके समन्वय सेल सिफेट, लुधियाना में स्थित है। भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में गुड़ पर कम जारी रखा गया और अब यह इकाई गुड़ अनुभाग के रूप में उभरी है, जो रस, गुड़ और अन्य जूस या गुड़ आधारित मूल्य-वर्धित के लिए गन्ने के प्रसंस्करण की बेहतर तकनीक, अनुसंधान और विकास, प्रशिक्षण और प्रदर्शन और स्थानांतरण की आवश्यकता को पूरा करती है।
विज़न
गन्ने से कम लागत, ऊर्जा कुशल गुड़ उत्पादन और भंडारण प्रौद्योगिकी विकसित करना।
मिशन
कटाई के बाद की प्रक्रियाओं, प्रौद्योगिकी, प्रबंधन और मूल्य संवर्धन के माध्यम से गुड़ उत्पादन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए।
लक्ष्य
गुड़ की उत्पादकता, गुणवत्ता और भंडारण क्षमता सुधार के बाद की फसल प्रक्रियाओं और उपकरणों / उपकरणों का प्रदर्शन करना।
सम्पर्क |
डॉ दिलीप कुमार, प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रभारी ईमेल: dilip.kumar@icar.gov.in, मो: 9465772077 |