उपलब्धियां (पादप कार्यिकी एवं जैव रसायन)
बड चिप तकनीक के उपयोग द्वारा बीज की आवश्यकता को कम (1 टन प्रति है.) करके बीज गुणन को द्रुतगामी बनाया गया। |
100 पीपीएम एथल के साथ गन्ने के बीज (सेट) की प्राइमिंग से न केवल अंकुरण में सुधार हुआ बल्कि इसे 15-20 दिनों मे ही प्राप्त कर लिया और फसल की स्थापना और विकास के लिए बढ़ा हुआ समय प्रदान किया। जिब्रलिन (जीए 3) ने कोशिका के आकार में ~ 42.3% इज़ाफ़ा और इंटर्नोडल लंबाई (सिंक क्षमता) में लगभग 39.3% की वृद्धि, 177% शर्करा के स्तर (सिंक ताकत) को कम करने में वृद्धि, सूक्रोजाइजिंग एंजाइमों (सिंक की मांग) की प्रवर्धित अभिव्यक्ति को बढ़ाया। 7.5 गुना SAI, 4.5 गुना CWI और 6 गुना SPS। इन सभी ने पाक / डंठल में अधिक सुक्रोज संचय को संवर्धित किया। ईथ्रेल तथा जिब्रेलिक एसिड के बहिर्जात अनुप्रयोग द्वारा कार्यकीय दक्षता में सुधार करके फसल कटाई इंडेक्स तथा शरदकालीनए बसंत एवं देर से लगाई गई गन्ने की मुख्य फसल एवं शरदकालीन फसल से ली गई पेढ़ी फसल और देर से रोपित गन्ने की फसल की उत्पादकता में बढ़ोत्तरी पाई गई शामली में किसानों के खेतों तथा भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र मोतीपुर में इनके प्रभावों का सकारात्मक प्रभाव पाया गया। |
जिब्रेलिक एसिड के छिड़काव किए गए गन्ने से 3000 ट्रांसक्रिप्टस की पहचान की गई तथा डी एन ए सीक्वेंशेस के आधार पर इनकी फाइलोजेनी तैयार की गई। |
मैग्नीशियम, मैग्नीज तथा तथा ईथ्रेल युक्त एन्जाइम इफेक्टर के पर्णीय अनुप्रयोग के द्वारा गन्ने में शर्करा की उच्च मात्रा के लिए शर्करा उपापचयी एन्जाइम की अभिव्यक्ति को मोडुलेटे करने का प्रयास किया गया। |
एस ए आई जीन के ज्ञात अनुक्रमों के आधार पर विकसित प्राइमर पेयर्स के उपयोग द्वारा सैकरम स्पोंटैनियम एस ई एस 34 (जीन एक्सेशन सं: के सी 570328) का प्रथम न्यूक्लियोटाइड सीक्वेंश ज्ञात किया गया। |
सैकरम स्पिशीज़ के संकर कोजे 64 तथा सैकरम आफ़िसिनेरम 28 एनजी 210 (जीन एक्सेशन सं: के सी 570326 एवं के सी 570327) का एस ए आई जीन सीक्वेंश ज्ञात किया गया। |
बी के सी + एस एम एस (प्रत्येक का 0.1%) के द्वारा फ़ासलोपरांत शर्करा हानि को कम किया गया। |
फसल की कटाई के उपरांत होने वाले शर्करा की हानि को बढ़ाने वाले ल्यूकोनोस्टाक स्पीशीस लैक्टिस की पहचान की गई। |
लिग्नोसेल्यूलोसिक ट्रैस की किण्वन योग्य शर्करा को बायो ईथनोल में परिवर्तन के लिए एक पूर्व-उपचार जैविक तरीका विकसित किया गया। |
पेढ़ी राइजोस्फीयर के हयूमिक एसिड फ्रैक्शन में एरोमैटिक कार्बन (एनिलिड्स) से बद्ध नत्रजन की कम जैविक उपलब्धता का निर्धारण किया गया जो कि वृद्धि अवस्था की अवधि में पोषक तत्वों की प्राप्ति में अवरोधक होने के कारण अगली पेढ़ी फसल की उपज में कमी लाता है। |
गन्ने के सापेक्षिक वजन के आधार पर जलमग्नता सहिष्णु 4 जननद्रव्यों, CoLk 12206, LG 06605, LG 04439, D-6-13 को चिन्हित किया गया। |
गन्ना में लाल सड़न पैदा करने वाले सी फेलकेटम के एक विषाणुजनित विकृति (Cf08) के जीनोम अनुक्रम जिसे पीएसी बायो (RSII) प्लेटफॉर्म का उपयोग करके प्राप्त किया गया। लगभग 97.24% जीनोम का अनुक्रम किया गया। सभी रीड्स इकट्ठे होने पर कुल 253 कोण्टिग्स प्राप्त किए गए। |